Wednesday 25 May 2011

Let's Salute to Rajesh Pawar !!

एक दोस्त की
शहादत!!

                 23 मई 2011 की शाम, लगभग 1645 बजे , गरियाबंद से पि.डब्ल्यू. डी. के Executive Engineer मेरे पास Homeguard barrack की डिजाईन पर चर्चा करने आए थे ! राजेश पवार ,Addl. S. P. गरियाबंद ने कुछ दिन पहले ही मुझसे कहा था " भाई , इंजीनियर साहब आही , प्राकलन के कापी देके , समझा देबे ! " मै , लगभग उसे धमका गया था ; " यार साल भर से मैं रायपुर में हूँ , अब इसी बहाने तू भी मिलने आजा ! "कुछ हल्की - फुल्की हँसी मज़ाक़ भी हुई !
         इंजीनियर साहब के साथ प्राकलन और नक़्शे पर चर्चा करते हुए मैंने सोचा चलो राजेश को बता दूँ की काम हो गया है ! लगभग 1700 बज रहे होंगे , मैंने ४-५ बार प्रयास किया , हर बार "नेटवर्क coverage से बाहर आ रहा था ! " तब तक एनकाउन्टर हो चुका रहा होगा ; " आत्मा ही नेटवर्क से बाहर जा चुकी होगी !" क्या पता पहली मिस कॉल के साथ ही पहली गोली भी छाती भेद गयी हो ! सिहरन सी पैदा होती है , अब जब सोचता हूँ !
      उसने वादा किया था , एक सप्ताह के अन्दर वो आएगा , और हम पुलिस अकादमी की पुरानी बातें करेंगे ! पर विडंबना देखो , 24 मई 2011 को दोपहर ठीक मेरे बंगले के सामने हॉस्पिटल में , मै उसकी पोस्ट मोर्टेम होते देख रहा था ! मुझे और लक्ष्मी को कई मिनट लगे " मृत शरीर " को शिनाख़्त करने में ! ऐ कैसा वादा निभाया दोस्त , मैंने तुझे सिर्फ " स-शरीर " नहीं बुलाया था , तेरी अल्हड और " कुछ बेमानी सी " बातों की कशक रह ही गयी ! राजकीय सम्मान के साथ ताबूत पर माला चढ़ा कर सलूट करते एक बारगी ही दिमाग में बात कौंध गयी , कि क्या एनकाउन्टर के वक्त अकादमी के हम २३ साथियों में से किसी की याद आई होगी ? उस्ताद का सबक तो जरूर दोहरा गया होगा :- " Rifle पर मजबूत पकड़ और दुरस्त शिस्त!"
         पर ज़िन्दगी की बदनीयती भी देखो , हमारे Batch के सबसे शेर-दिल साथी को " कायरों " ने गाड़ी से उतरने का भी मौका नहीं दिया ! LMG की Close - Range Fire :-और शेर की छाती थी सबसे सामने :- शायद उस वक़्त भी वह हमेशा की तरह ठहाके लगा रहा होगा , बेबाक , बेफ़िक्र !!
   आओ हम सब मिलकर उसकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करें !!
                                              # राजेश पाण्डेय

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