Sunday 29 May 2011

दर्द का दोगलापन

दर्द का दोगलापन : एक व्यंग्य 

हाँ मैंने खरी खोटी सुनाई थी :-
पर पूरा यक़ीन था ;
कि तुम समझोगी :-
" मेरी हताशा !! "

पर अब तुम्हे सुबकते देख
मैं ख़ुद को छला ;
महसूस कर रहा हूँ !
दोस्तों :
" क्या तुम्हारा भी भरोसा :
कभी इस तरह टूटा है ?"

ना जाने ये लड़कियां
कब mature होंगीं ?


हाँ तुमने " तथ्य " छिपाए थे :
क्यूँकि तुम्हें पूरा यक़ीं था
" कि मैं नहीं समझूँगा !!"
पर अब मेरी शिकायत :
तुम्हें " आरोप " का सदमा देती है !

ना जाने ये लड़के
कब परिपक्व होंगे ?

                           # राजेश पाण्डेय

Wednesday 25 May 2011

Let's Salute to Rajesh Pawar !!

एक दोस्त की
शहादत!!

                 23 मई 2011 की शाम, लगभग 1645 बजे , गरियाबंद से पि.डब्ल्यू. डी. के Executive Engineer मेरे पास Homeguard barrack की डिजाईन पर चर्चा करने आए थे ! राजेश पवार ,Addl. S. P. गरियाबंद ने कुछ दिन पहले ही मुझसे कहा था " भाई , इंजीनियर साहब आही , प्राकलन के कापी देके , समझा देबे ! " मै , लगभग उसे धमका गया था ; " यार साल भर से मैं रायपुर में हूँ , अब इसी बहाने तू भी मिलने आजा ! "कुछ हल्की - फुल्की हँसी मज़ाक़ भी हुई !
         इंजीनियर साहब के साथ प्राकलन और नक़्शे पर चर्चा करते हुए मैंने सोचा चलो राजेश को बता दूँ की काम हो गया है ! लगभग 1700 बज रहे होंगे , मैंने ४-५ बार प्रयास किया , हर बार "नेटवर्क coverage से बाहर आ रहा था ! " तब तक एनकाउन्टर हो चुका रहा होगा ; " आत्मा ही नेटवर्क से बाहर जा चुकी होगी !" क्या पता पहली मिस कॉल के साथ ही पहली गोली भी छाती भेद गयी हो ! सिहरन सी पैदा होती है , अब जब सोचता हूँ !
      उसने वादा किया था , एक सप्ताह के अन्दर वो आएगा , और हम पुलिस अकादमी की पुरानी बातें करेंगे ! पर विडंबना देखो , 24 मई 2011 को दोपहर ठीक मेरे बंगले के सामने हॉस्पिटल में , मै उसकी पोस्ट मोर्टेम होते देख रहा था ! मुझे और लक्ष्मी को कई मिनट लगे " मृत शरीर " को शिनाख़्त करने में ! ऐ कैसा वादा निभाया दोस्त , मैंने तुझे सिर्फ " स-शरीर " नहीं बुलाया था , तेरी अल्हड और " कुछ बेमानी सी " बातों की कशक रह ही गयी ! राजकीय सम्मान के साथ ताबूत पर माला चढ़ा कर सलूट करते एक बारगी ही दिमाग में बात कौंध गयी , कि क्या एनकाउन्टर के वक्त अकादमी के हम २३ साथियों में से किसी की याद आई होगी ? उस्ताद का सबक तो जरूर दोहरा गया होगा :- " Rifle पर मजबूत पकड़ और दुरस्त शिस्त!"
         पर ज़िन्दगी की बदनीयती भी देखो , हमारे Batch के सबसे शेर-दिल साथी को " कायरों " ने गाड़ी से उतरने का भी मौका नहीं दिया ! LMG की Close - Range Fire :-और शेर की छाती थी सबसे सामने :- शायद उस वक़्त भी वह हमेशा की तरह ठहाके लगा रहा होगा , बेबाक , बेफ़िक्र !!
   आओ हम सब मिलकर उसकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करें !!
                                              # राजेश पाण्डेय

Monday 2 May 2011

पाना खोना



पाना -खोना  
पाना और खोना
बस समझ की बातें है
पास रख कर भी पा लो
ज़रूरी नहीं
दूर करके भी वो छीन लें
आसान नहीं
ये तो
आस्थाओं की कसौटियां हैं
जिसकी जितनी गहरी आस्था
वह
उतना ही निर्लिप्त
इन दोनों से
वह
उतना ही परिपूर्ण
इन दोनों में
                  # राजेश पाण्डेय

जीवन


जीवन 
जो मिला - भरपूर जिया
जो खोया - भरपूर रोया
दोनों ही अनुभव भोगा
शिद्दत से !!
भावनाओं की निर्झरणी
डूबकर तैरा
 इस किनारे से - उस किनारे तक
जीवन :
कितना संपूर्ण था  ।
                       # राजेश पाण्डेय